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आवाज़ दे तो ज़न्नत से कौसर निकल पड़े


आवाज़ दे तो ज़न्नत से कौसर निकल पड़े
नहरे फुरात ख़ेमे के अंदर निकल पड़े
ये शबर का मुक़ाम है वरना
ये वो हुसैन है उँगली जहा लगादे
समन्दर निकल पड़े
या हुसैन(स.अ)

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