tag:blogger.com,1999:blog-16701147126894002212024-03-17T10:13:37.214+05:30Sufi Post || The Relationship between Spirituality, Religion, and CultureUnknownnoreply@blogger.comBlogger173125tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-73372374556573057112022-06-23T12:46:00.005+05:302022-06-23T12:46:44.774+05:30 चमलियाल में चर्म रोगों से मुक्ति दिलाते है बाबा दलीप सिंह मन्हासजम्मू कश्मीर में एक स्थान ऐसा भी है यहां पर दोनों देश के सैन्य जवान कभी भी एक दूसरे पर गोली नहीं चलाते है जबकि दोनों देशों के जवान इस स्थान का पूरा सम्मान करते है। यह स्थान है भारत पाक सीमा पर रामगढ़ सैक्टर के चमलियाल में। जबकि यू कहें तो इसी स्थान के कारण ही इस क्षेत्र का नाम चमलियाल भी पड़ा है। यह स्थान है बाबा दलीप सिंह मन्हास का जो कि एक करामाती बाबा थे और उनके हाथ से दी गई मिट्टी भी लोगांे को Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-31528500673271966922022-03-15T17:00:00.003+05:302022-03-15T17:02:29.151+05:30Darbar Hazrat Meera Gous Pak Sarkar Ji : उर्स मुबारक : 25 मार्च 2022मंजिल मुझे मिले न मिले इसका गम नहींतुम साथ साथ हो मेरे यह भी तो कम नहींउर्स मुबारक : 25 मार्च 2022चादरपोशी : सुबह 11 बजेझंडा रस्म: सुबह 11:45 बजेलंगर : 1 बजे से 5 बजे तकमहफिल ए कवाली : शाम 8 बजे से 2 बजे तक 2Sardar Ali (SINGER)Parvez Aalam (SINGER)Ward No-6. Akhrot Factory Birpur Ind. Sidco Bari Brahmana (M):6005461184, 9622223483, 7780923827Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-26131531100711393302021-10-28T13:46:00.004+05:302021-10-28T13:51:03.777+05:30Story of Bawa Jitto and Bua Kodi : बुआ कौड़ी बावा जीतमल ( झिड़ी मेला )
जम्मू कश्मीर की धरा का नाता ऐसे देव महात्माओं के साथ रहा है जिनके आगे देश भर
के लोग नत्मस्तक होते है। आज हम आपकों ऐसे ही एक स्थान के बारे में बताने जा रहे
हैं, यहां के अन्न का एक दाना खाने वाला भी उल्टे पांव यहां आने को मजबूर हो जाता
है। यह स्थान है झिड़ी स्थित बाबा जित्तो और बुआ दाती का। जिन्हें लेकर मान्यता है
कि बाबा जित्तों के रक्त से सना अन्न का एक एक दाना जिस खेत में गिरा Unknownnoreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-20585599000319162972021-09-03T18:13:00.004+05:302021-09-04T12:28:35.384+05:30Ziarat Sharief Panj Peer | बाबा पंज पीर यहां पूरी होती है सबकी मुरादें
मंदिरों के शहर जम्मू में पीर पैगम्बरों की असंख्य दरगाहें ऐसी है जहां पर लोग
नत्मस्तक होकर अपने कष्टों का निवारण करते है। इन्हीं में से एक दरगाह है बाबा
पंज पीर की। -
जम्मू के मुख्य बस स्टैंड से जम्मू-नगरोटा के पुराने पर मार्ग पर करीब 3 किलोमीटर
की दूरी पर व हरि पैलेस से करीब 300 मीटर आगे यानि शहर की सीमा से करीब 300 मीटर
आगे नगरोटा की तरफ हाइवे पर ही मांडा क्षेत्र में एक मनमोहक दरगाह Unknownnoreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-54076556841912619362021-08-27T15:06:00.003+05:302021-09-04T13:03:46.852+05:30पीर बाबा कांजू साहिब जी की दरगाह | Ziarat Peer Baba Kanju Sahib Kunjwani, Jammu
भारत वर्ष में अनेकों पीर फकीर, संत महात्मा ऐसे हुए है जिन्होंने अपने
चमत्कारों से न सिर्फ मनुष्य को चौकाया है बल्कि उसके दुखों का अंत भी किया है।
इनके चमत्कारों से मनुष्य इन पीर फकीरों, संत महात्माओं के आगे सहज ही नत्मसतक
होकर इन्हें सजदा करने को मजबूर हो जाता है। ऐसे ही एक पीर फकीर जम्मू कश्मीर की
धरती पर भी हुए और अपने चमत्कारों से उन्होंने मानव जवन का कल्याण है और फकीर है
पीर Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-57827086135879696422021-08-21T18:57:00.001+05:302021-08-21T18:57:31.055+05:30रक्षा बंधन पर जानिए पौराणिक काल के 10 भाइयों की प्रसिद्ध बहनें..
भाई-बहन के पवित्र और प्यारे रिश्तों के त्योहार रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई को
राखी बांधती है और भाई बहनों की रक्षा करने का वचन उन्हें देते है जबकि इस मौके
पर उन्हें उपहार स्वरूप कोई न भेंट भी जरूर देते है। लेकिन आप नहीं जानते होंगे
कि इतिहास में भाई और बहनों के भी कई किस्से प्रचलित हैं। आओ जानते हैं इतिहास
प्रसिद्ध10 प्रसिद्ध बहनों के नाम।
(adsbygoogle = Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-29934083091037992582021-08-08T13:09:00.004+05:302021-08-10T16:50:00.572+05:30Karwa Chauth Vrat 2021 Date : साल 2021 में इस दिन रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
करवा चौथ का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है और
पंचांग के अनुसार इस वर्ष 24 अक्टूबर, रविवार को कार्तिक मास की
कृष्ण पक्ष की चतुथी है . हिंदू धर्म में करवा चौथ के व्रत का विशेष महत्व
है. । इस दिन विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है।
साथ ही अच्छे वर की कामना से अविवाहिता स्त्रियों के करवा चौथ व्रत रखने Unknownnoreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-44975809476601410672021-08-05T19:07:00.003+05:302021-08-21T19:08:49.022+05:30Raksha Bandhan 2021: जानें शुभ मुहूर्त और राखी बांधने का सही समय
रक्षाबंधन का पर्व प्रतिवर्ष श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है. राखी का
त्योहार कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता। लेकिन भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है
कि देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नज़र आने लगे। भगवान
इन्द्र घबरा कर बृहस्पति के पास गये। वहां बैठी इन्द्र की पत्नी इंद्राणी सब
सुन रही थी। उन्होंने रेशम का धागा मन्त्रों की शक्ति से पवित्र करके Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-27112657568806378762021-06-30T17:01:00.002+05:302021-07-01T14:48:25.133+05:30गुरुपूर्णिमा विशेष : Guru Purnima 2021: Date, time, significance of festival
आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गुरु पूजा का विधान है।
गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ में आती है। इस दिन से चार महीने तक परिव्राजक
साधु-सन्त एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। ये चार महीने मौसम की
दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते हैं। न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी। इसलिए अध्ययन
के लिए उपयुक्त माने गए हैं। जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-47937007513098239092021-06-23T18:36:00.064+05:302021-06-26T13:22:11.756+05:30Sant Kabir Ke Dohe In Hindi | प्रसिद्ध Kabir Das ke dohe हिंदी अर्थ सहित दोहा – 01
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।
Dheere dheere re mana, dheere sab kuch hoyemali seenche so ghara,
ritu aaye phal hoye
अर्थ: - कबीर दस जी कहते है कि किसी भी कार्य को पूरा होने के लिए एक उचित समय
सीमा की आवश्यकता होती है, उससे पहले कुछ भी नहीं हो सकता। इसलिए हमे अपने मन में
धैर्य रखना चाहिए और अपने काम को पूरी Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-20647020256414790652021-06-23T15:11:00.007+05:302021-09-18T19:09:26.933+05:30Sant Kabir Das Jayanti : मगहर में है संत कबीरदास जी की समाधि और मजार
संत कबीर का जन्म संवत 1455 की ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था। इसलिए हिन्दू
कैलेंडर की इस तिथि पर कबीरदास जयंती मनाई जाती है। इन्हें कबीर साहब या संत कबीर
दास भी कहा जाता है। इनके नाम पर कबीरपंथ संप्रदाय प्रचलित है। इस संप्रदाय के
लोग इन्हें एक अलौकिक अवतारी पुरुष मानते हैं।
संत कबीर अंधविश्वास, ढोंग, पाखंड और व्यक्ति पूजा के कट्टर विरोधी रहे। संत कबीर
आडम्बरों के सख्त Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-66389308097020226392021-06-18T19:16:00.007+05:302021-09-18T19:09:11.901+05:30पीरबाबा सांई रोडा की दरगाह - Dargah Peer Baba Rode Shah Ji मंदिरों का शहर कहे जाने वाले जम्मू शहर में मात्र मंदिर ही नहीं पीरों पैगंबरों
की भी असंख्य दरगाहे है जिनमें हर धर्म की लोगों की अटूट आस्था है लेकिन शहर के
अधिकतर लोग नहीं जानते है कि सुर्य पुत्री तवी नदी के बीचों बीच एक दरगाह ऐसी है
जहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। यह दरगाह है पीरबाबा सांई रोडा जी की। इस
दरगाह को लेकर मान्यता है कि तवी नदी में आने वाली बाढ़ भी इस दरगाह को कुछ
नुक्सानUnknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-73189676324613006872021-06-16T18:01:00.002+05:302021-06-16T18:10:42.676+05:30बाबा फरीद जी का त्याग और लिबास | Story of Baba Farid Ganj Shakar
फरीद जी के जीवन के विषय में एक पुरानी पुस्तक से यह ज्ञान मिलता है कि वह जितने
बड़े आलम,ब्रहमज्ञानी और नाम की कमाई वाले फकीर थे,उतना ही सादा जीवन व्यतीत करते
थे। उनकी सादगी एँव त्याग की मिसाल कम ही मिलती है।फरीद जी के जन्म नगर
खोतवाल (जिला मुल्तान)में आप की शोभा सुनकर उस समय के प्रसिद्ध फकीर शेख
जलाल-उ-दीन तबरेजी आपको मिलने गए। फरीद जी फटे पुराने वस्त्रों में सफ पर बैठे
बँदगी कर Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-31485111619825599522021-06-03T13:41:00.007+05:302021-06-18T13:17:11.218+05:30आपको भी नहीं पता होंगी Bawe Wali Mata Mandir, Bahu Fort से जुड़ी कुछ खास बातें बाहू फोर्ट जम्मू कश्मीर का ऐतिहासिक किला है जोकि तवी नदी के किनारे स्थापित है ऐसा माना जाता है की यह किला 3000 वर्ष पहले बनाया गया था,ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ साथ इस किले का धार्मिक महत्व भी है क्यूंकी बाहू किले मे माता महाकाली का एक मंदिर है जिसे जम्मू के लोग माँ बावे वाली माता के नाम से पुकारते और पूजते है यह किला और इस मे स्थित माता काली का मंदिर जम्मू के मुख्य Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-66473810257052299022021-03-09T22:51:00.018+05:302021-06-17T13:37:33.717+05:30Mahashivratri Vrat Puja Vidhi | महाशिवरात्रि पर जानिए भगवान शिव की चारों पहर की पूजा का महत्व
महाशिवरात्रि व्रत पूजा विधि-Mahashivratri Vrat Puja Vidhi
मिट्टी या तांबे के लोटे में पानी या दूध भरकर ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल,
चावल आदि जालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर
मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। साथ ही महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण
का भी विधान है।
Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-88731804348940898782021-03-04T19:09:00.003+05:302021-09-04T13:04:14.490+05:30आखिर क्यों कहा जाता है पुरमंडल को छोटी काशी जम्मू शहर की पूर्व दिशा में करीब 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित पुरमंडल को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है। भूमिगत नदी देविका किनारे बसे पुरमंडल को शिवधाम कहा जाता है और जहां से देविका नदी उत्तर की तरफ मुड़ती है जोकि हिमालयन क्षेत्रों में बहने वाली नदियों में नहीं होता। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के कहने पर माता पार्वती यहां गुप्ता गंगा देविका के रूप में प्रकट हुई थी और भगवान भोलेनाथ से Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-16551048191412262702021-02-26T19:32:00.003+05:302021-02-26T19:38:48.721+05:30Guru Ravidass Jayanti 2021 Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-1174551657555445542021-02-17T19:00:00.001+05:302021-02-17T19:00:15.021+05:30Duniya Vasdi Sayian De Naal : Sai Murad Shah Whatsapp Status Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-3873840467842630622021-02-16T07:51:00.001+05:302021-02-16T07:51:56.648+05:30Basant Panchami 2021: बसन्त पंचमी 16 फरवरी तिथि पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व
बसंत पंचमी भारतीय संस्कृति में एक बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है जिसमे हमारी परम्परा, भौगौलिक परिवर्तन , सामाजिक कार्य तथा आध्यात्मिक पक्ष सभी का सम्मिश्रण है, हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है वास्तव में भारतीय गणना के अनुसार वर्ष भर में पड़ने वाली छः ऋतुओं (बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर) Unknownnoreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-78038559046527583552021-02-11T19:37:00.007+05:302021-02-11T19:37:45.576+05:30Vaneet Khan Live Qawwali || Baba Kapil Shah Qadri Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-70528040522396827422021-02-11T19:36:00.001+05:302021-02-11T19:36:12.593+05:30Monthly Gyarvi Sharif celebration at Darbar of Ghous e Azam Abdul Qadir Jilani (Vijaypur) Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-85292365114518027162021-02-11T19:34:00.004+05:302021-02-11T19:34:29.416+05:30Murada Nek Hi Maango || Gurdass Maan Whatsapp Status Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-13246612117570173612021-02-11T19:31:00.004+05:302021-02-11T19:31:57.493+05:30Peer Baba WhatsApp Status || Jai Mastan Di 🙏🙏🙏 Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-9973132938426592172020-06-27T18:39:00.000+05:302020-06-27T18:42:28.484+05:30सूफी पंथ: ईश्वर की इबादत में जरूरी है सब्र | Ishwar Ki Ibadat
एक संत हुआ करते थे । उनकी इबादत या भक्ति इस कदर थीं कि वो अपनी धुन में इतने मस्त हो जाते थे की उनको कुछ होश नहीं रहता था । उनकी अदा और चाल इतनी मस्तानी हो जाती थीं । वो जहाँ जाते , देखने वालों की भीड़ लग जाती थी। और उनके दर्शन के लिए लोग जगह -जगह पहुँच जाते थे । उनके चेहरे पर नूर साफ झलकता था ।
वो संत रोज सुबह चार बजे उठकर ईश्वर का नाम लेते हुए घूमने निकल जाते थे। एक दिन वो रोज Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1670114712689400221.post-71823922194763429562020-04-21T23:15:00.040+05:302021-06-16T14:10:14.229+05:30पंचमुखी हनुमान में है भगवान शंकर के पांच अवतारों की शक्ति! Panchmukhi Hanuman Ji
Panchmukhi Hanuman Ji
शंकरजी के पांचमुख—तत्पुरुष, सद्योजात, वामदेव, अघोर व ईशान हैं; उन्हीं शंकरजी
के अंशावतार हनुमानजी भी पंचमुखी हैं । मार्गशीर्ष (अगहन) मास की कृष्णपक्ष की
अष्टमी तिथि को, पुष्य नक्षत्र में, सिंहलग्न तथा मंगल के दिन पंचमुखी हनुमानजी
ने अवतार धारण Unknownnoreply@blogger.com0